जीवन में शांति हो तो जीवन खेल की तरह हो जाता है, हम एक अभिनेता बन जाते हैं। बाहर अभिनय चलता रहता है और भीतर शांति छायी रहती है। इसी शांति से स्वतंत्रता का जन्म होता है। हम पूरी तरह स्वतंत्र हो जाते हैं, मुक्त हो जाते हैं। बाहर कुछ भी हो पर हम भीतर बिलकुल शांत और आनंदित होते हैं।
shandar jeevan darshan hae aapki post men.
ReplyDeleteDhanyawad..
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