जब भी हम दिल से कोई इच्छा करते हैं, तो वह देर-सबेर जरूर ही पूरी होती है.. जब मैं यहां पिछली बार आया था तो यहां की हरियाली और खूबसूरती ने मेरा मन मोह लिया था, और कैमरा साथ न लाने की गलती से बहुत पछतावा भी हुआ था.. पर जब दुबारा यहां आने का मौका हाथ लगा तो मैं पूरी तरह तैयार था..
'योगदा सत्संग सखा आश्रम', रांची के दिल मे बसता है.. शहर के बीचो-बीच ऐसी मनोरम और प्राकृतिक जगह बहुत कम देखने को मिलती है..
यहां का स्मृति भवन खास है.. सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर एक छोटे ताजमहल जैसा दिखता है.. किसी भी कोने से यह आपका ध्यान खींच ही लेता है..
ध्यान मंदिर यहां की सबसे शांत जगह है, यहां भीतर ध्यान और प्रवचन होते हैं..
परमहंस योगानंद जी का कमरा, और उनकी इस्तेमाल की हुई कुछ चीजें भी यहां संजो कर रखी गईं हैं.. यह लीची का वृक्ष भी खास है, क्यूंकि इसी पेड़ के नीचे वे अपने शिष्यों को ज्ञान दिया करते थे..
प्रकृति, ध्यान, शांति और आनंद के ऐसे बेजोड़ संगम में आ कर हमारा पूरा समूह भी बहुत प्रभावित था...
आपके चित्रों में यह बहुत भी सुन्दर लग रहा है। हमारी भी बहुत इच्छा है यहां आने की, रोज उधर से गुजरते वक्त आश्रम के गेट को देखकर इच्छा जगती है कि भीतर जाकर देखूं, आज आपने दिखा दिया तो इच्छा प्रबल हो गयी है। कल रविवार की छुट्टी है, कल आते हैं हम भी.....
ReplyDeleteजरूर आईए.. और वापस लौटकर जरूर बताइएगा कि कैसा लगा..?
Delete:)
सुंदर चित्र , आपको भी नव वर्ष की शुभकामनायें
ReplyDeleteधन्यवाद..
Deleteसुन्दर चित्र और वर्णन
ReplyDeleteशुक्रिया..
Deleteअच्छा लगा अंदर से इसे देख। वैसे ये खरगोश और हंस सचमुच के होते तो क्या बात थी।
ReplyDelete:) :) मुझे भी ऐसा ही लगा था...
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद...
ReplyDeleteआकर्षक चित्र
ReplyDeleteशुक्रिया...
Deleteजब तक गुरुजी का बुलावा नही आएगा कैसे आऊँ आने की इच्छा तो बलवती है। पर शारीरिक असमर्थता रोक रही है, नसीब में हुआ तो आ ही जाऊंगा। जय गुरू।।
ReplyDeleteजरूर..... :)
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