'ध्यान एक यात्रा है; एक यात्रा जो ध्वनि से मौन की ओर जाती है, जो गति से स्थायित्व की ओर जाती है, जो एक सीमित पहचान से असीमित आकाश की ओर जाती है..'
जो अंधकार से प्रकाश की ओर, और मृत्यु से अमृत की ओेर जाती है...
तमसो मा ज्योतिर्गमय..मृत्योर्मामृतं गमय...
जो अंधकार से प्रकाश की ओर, और मृत्यु से अमृत की ओेर जाती है...
तमसो मा ज्योतिर्गमय..मृत्योर्मामृतं गमय...
No comments:
Post a Comment
आपके सुझाव हमें प्रेरित करते हैं, आप हमें drishti@suhano.in पर मेल भी कर सकते है..